परिचय

Google का मकसद दुनिया भर की जानकारी को व्यवस्थित करके सभी के लिए उपलब्ध कराना है, ताकि सबको इसका फ़ायदा मिल सके. इस मिशन में, जगह की जानकारी अहम भूमिका निभाती है. चाहे ड्राइव करते समय रास्ता बताना हो, आपके खोज नतीजों में आपके आस-पास की चीज़ों की जानकारी शामिल करनी हो या किसी रेस्टोरेंट के व्यस्त होने का समय बताना हो. जगह की जानकारी से, आपको Google के सभी प्लैटफ़ॉर्म पर ज़्यादा मदद और काम का कॉन्टेंट मिल सकता है.

जगह की जानकारी की मदद से, प्रॉडक्ट के कुछ मुख्य फ़ंक्शन भी ठीक से काम करते हैं. जैसे, वेबसाइट को सही भाषा में दिखाना या Google की सेवाओं को सुरक्षित रखने में मदद करना.

Google निजता नीति में बताया गया है कि जब Google के प्रॉडक्ट और सेवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, तब Google आपकी जगह की जानकारी और डेटा का इस्तेमाल कैसे करता है. इस पेज पर, जगह की जानकारी के बारे में ज़्यादा बताया गया है, जिसे Google इस्तेमाल करता है. साथ ही, यहां इसका इस्तेमाल करने के तरीकों को कंट्रोल करने के बारे में भी जानकारी दी गई है. 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए, डेटा इस्तेमाल करने के कुछ तरीके अलग हो सकते हैं. इस बारे में ज़्यादा जानने के लिए, Family Link की मदद से मैनेज किए जाने वाले, बच्चों के Google खातों और प्रोफ़ाइलों के लिए निजता नोटिस देखें. साथ ही, किशोरों के लिए बनी Google की निजता गाइड भी देखें.

Google, जगह की जानकारी का इस्तेमाल कैसे करता है?

Google कई चीज़ों के आधार पर जगह की जानकारी का इस्तेमाल करता है. इनमें लोगों का डिवाइस, उनके खाते की सेटिंग, और यह जानकारी शामिल है कि वे किस सेवा या सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं. Google मुख्य रूप से, यहां बताए गए तरीकों से आपकी जगह की जानकारी को इस्तेमाल कर सकता है.

आपको मददगार अनुभव देने के लिए

जब लोग Google के प्रॉडक्ट से इंटरैक्ट करते हैं, तब Google काम की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उनकी जगह की जानकारी इस्तेमाल या सेव कर सकता है. जैसे, स्थानीय तौर पर काम के और तेज़ी से खोज के नतीजे उपलब्ध कराना, रोज़मर्रा की यात्रा के लिए ट्रैफ़िक का अनुमान बताना, और अलग-अलग लोगों की सहूलियत के हिसाब से सुझाव देना. उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति फ़िल्म देखने के समय की जानकारी खोज रहा है, तो वह अपने नज़दीकी सिनेमा हॉल में फ़िल्म देखना चाहेगा, न कि दूसरे शहर में. Google Maps में, जगह की जानकारी से लोगों को अपनी मौजूदा जगह ढूंढने और अपनी मनचाही जगहों पर नेविगेट करने में मदद मिलती है.

लोग जिन जगहों पर जा चुके हैं उन्हें याद रखने में मदद करने के लिए

टाइमलाइन का इस्तेमाल करके लोग यह चुन सकते हैं कि जिन जगहों पर वे अपने डिवाइस लेकर गए हैं उन्हें याद रखा जाए. टाइमलाइन इस्तेमाल करने के लिए, लोग जगह की जानकारी का इतिहास चालू कर सकते हैं. यह Google खाते की एक सेटिंग है, जो उन जगहों और रास्तों का एक निजी मैप बनाती है जहां वे लोग जा चुके हैं. अगर जगह की जानकारी के इतिहास का इस्तेमाल किया जाता है, तो आपके डिवाइस की जगह की सटीक जानकारी निजी मैप में सेव हो जाती है. यह जानकारी, Google के ऐप्लिकेशन खुले न होने पर भी सेव होती है. इस जानकारी को टाइमलाइन में देखा और मिटाया जा सकता है.

लोगों को तेज़ी से चीज़ें ढूंढने और ज़्यादा काम के नतीजे पाने में मदद करने के लिए

उदाहरण के लिए, वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि, Google खाते की एक सेटिंग है. इसकी मदद से, लोग अपनी गतिविधि के डेटा और उससे जुड़ी जानकारी को सेव कर सकते हैं, जैसे कि जगह की जानकारी. इससे वे Google की सेवाओं में साइन इन होने पर, अपनी पसंद के मुताबिक और अच्छा अनुभव पा सकते हैं. उदाहरण के लिए, Search पर आपको उस जगह के आस-पास के नतीजे दिख सकते हैं जहां से, इससे पहले आपने कुछ खोजा था.

आपको ज़्यादा काम के विज्ञापन दिखाने के लिए

आपकी जगह की जानकारी की मदद से, Google आपको ज़्यादा काम के विज्ञापन दिखा सकता है. “मेरे आस-पास के जूतों के स्टोर” जैसा कुछ खोजने पर, जगह की जानकारी की मदद से, आपको आस-पास के जूतों के स्टोर के विज्ञापन दिखाए जा सकते हैं. इसी तरह, मान लीजिए कि आपने पालतू जानवरों के बीमा की जानकारी खोजी. ऐसे में, विज्ञापन देने वाले लोग या कंपनियां, आपको अलग-अलग इलाकों के हिसाब से मिलने वाले बीमा और उनके फ़ायदों के विज्ञापन दिखा सकते हैं. विज्ञापन दिखाने के लिए, जगह की जानकारी का इस्तेमाल कैसे किया जाता है, इसके बारे में ज़्यादा जानें.

ज़्यादा सुरक्षित अनुभव के लिए

Google, कुछ बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए, आपकी जगह की जानकारी का इस्तेमाल करता है. जैसे, आपके खाते में कोई असामान्य गतिविधि होने या उसमें किसी नए शहर से साइन इन किए जाने पर, उसे सुरक्षित रखना.

पहचान छिपाने वाले समुदाय के रुझानों और उससे जुड़े अनुमानों को दिखाने के लिए और रिसर्च के लिए

रिसर्च करने और कम्यूनिटी के रुझान दिखाने के लिए Google, जगह की अनुमानित जानकारी इकट्ठा करता है.

जगह की जानकारी का इस्तेमाल और किस तरह किया जाता है, यह जानने के लिए Google निजता नीति पर जाएं.

मेरे Android डिवाइस और ऐप्लिकेशन पर जगह की जानकारी की सुविधा कैसे काम करती है?

अपने डिवाइस की जगह की जानकारी की मदद से, आस-पास के नतीजे दिखाने वाली खोज की जा सकती है, यात्रा से जुड़े सुझाव पाए जा सकते हैं, और आस-पास के रेस्टोरेंट ढूंढे जा सकते हैं. आपके मोबाइल फ़ोन या टैबलेट में मौजूद, Android डिवाइस की सेटिंग से, यह कंट्रोल किया जा सकता है कि आपके डिवाइस पर, जगह की जानकारी की सुविधा आपकी जगह की जानकारी का अनुमान लगाए या न लगाए. आपके पास यह भी कंट्रोल करने की सुविधा होती है कि आपके डिवाइस पर मौजूद चुनिंदा ऐप्लिकेशन और सेवाएं किन मामलों में और किस तरह से, इस डिवाइस की जगह की जानकारी का इस्तेमाल कर सकती हैं.

जो ऐप्लिकेशन आपके डिवाइस की जगह की जानकारी इस्तेमाल करते हैं उन्हें कंट्रोल करने का तरीका

आपके पास Android डिवाइस की सेटिंग में जाकर, यह कंट्रोल करने की सुविधा होती है कि किन ऐप्लिकेशन को आपके डिवाइस की जगह की जानकारी का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए. इन सेटिंग में मौजूद अलग-अलग कंट्रोल से, आपको यह चुनने की सुविधा मिलती है कि किसी ऐप्लिकेशन को डिवाइस की जगह की सटीक या फिर अनुमानित जानकारी का ऐक्सेस दिया जाए. हमने कुछ कंट्रोल जोड़े हैं. इनकी मदद से, यह तय किया जा सकता है कि कोई ऐप्लिकेशन आपके डिवाइस की जगह की जानकारी को कब और कैसे ऐक्सेस करे. इसमें 'कभी भी', 'सिर्फ़ तब, जब ऐप्लिकेशन को इस्तेमाल किया जा रहा हो', 'ऐप्लिकेशन को इसके लिए हर बार अनुमति लेनी होगी' या 'कभी नहीं' जैसे कंट्रोल शामिल हैं. इन सेटिंग और कंट्रोल की उपलब्धता, इस बात पर निर्भर करती है कि आपका डिवाइस, Android के किस वर्शन पर चल रहा है. ज़्यादा जानें.

डिवाइस की जगह की जानकारी वाली सेटिंग कैसे काम करती है

डिवाइस की सेटिंग के आधार पर, Android डिवाइस अलग-अलग इनपुट का इस्तेमाल करके, जगह की जानकारी का अनुमान लगाता है. इनमें मोबाइल नेटवर्क और वाई-फ़ाई के सिग्नल, जीपीएस, और एक्सलरोमीटर, जाइरोस्कोप, मैग्नेटोमीटर, और बैरोमीटर जैसे सेंसर शामिल हैं. इन इनपुट का इस्तेमाल, जगह की सबसे सटीक जानकारी का अनुमान लगाने के लिए किया जा सकता है. यह जानकारी, डिवाइस पर मौजूद ऐसे ऐप्लिकेशन और सेवाओं को दी जाती है जिनके पास ज़रूरी अनुमतियां होती हैं. अपने Android डिवाइस की जगह की जानकारी की सेटिंग के बारे में ज़्यादा जानें.

मोबाइल और वाई-फ़ाई नेटवर्क के सिग्नल से, Android को डिवाइस की जगह की जानकारी का अनुमान लगाने में मदद मिल सकती है. खास तौर पर, ऐसी जगहों पर जहां जीपीएस सिग्नल सटीक या उपलब्ध नहीं होते. इनमें बहुत ज़्यादा आबादी वाले शहरी इलाके या घर के अंदर की जगहें शामिल हैं. 'Google से जगह की सटीक जानकारी' को जीएलए या Google लोकेशन सर्विस भी कहा जाता है. यह Google की ऐसी सेवा है जो इन सिग्नल का इस्तेमाल करके, डिवाइस की जगह की जानकारी का ज़्यादा सटीक अनुमान लगाती है.

जगह की ज़्यादा सटीक जानकारी देने के लिए 'जीएलए' सेटिंग, आपके Android डिवाइस से जगह की जानकारी को समय-समय पर इकट्ठा करती है. इसमें जीपीएस, वाई-फ़ाई के ऐक्सेस पॉइंट, मोबाइल नेटवर्क, और डिवाइस के सेंसर की जानकारी शामिल है. यह जानकारी, कुछ समय के लिए इस्तेमाल होने वाले ऐसे डिवाइस आइडेंटिफ़ायर का इस्तेमाल करके इकट्ठा की जाती है जो किसी व्यक्ति से जुड़ा नहीं होता. हालांकि, यह जानकारी सिर्फ़ तब इकट्ठा की जाती है, जब 'जीएलए' सेटिंग चालू हो. जगह की ज़्यादा सटीक जानकारी और जगह के हिसाब से सेवाएं देने के लिए, 'जीएलए' सेटिंग इस जानकारी को इस्तेमाल करती है. इन सेवाओं में, वाई-फ़ाई के ऐक्सेस पॉइंट और मोबाइल नेटवर्क के टावर के क्राउडसोर्स किए गए मैप बनाना भी शामिल है.

अपने Android डिवाइस की जगह की जानकारी की सेटिंग में जाकर, 'जीएलए' सेटिंग को किसी भी समय बंद किया जा सकता है. 'जीएलए' सेटिंग बंद होने पर भी, आपके Android डिवाइस पर जगह की जानकारी की सुविधा काम करती रहेगी. हालांकि, इस स्थिति में, डिवाइस की जगह का अनुमान लगाने के लिए, डिवाइस सिर्फ़ जीपीएस और डिवाइस के सेंसर का इस्तेमाल करेगा.

Google को मेरी जगह की जानकारी कैसे मिलती है?

आपके चुने गए प्रॉडक्ट और सेटिंग के आधार पर, Google अलग-अलग तरह की जगह की जानकारी का इस्तेमाल कर सकता है. इससे कुछ ऐसे प्रॉडक्ट और सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलती है जिन्हें आप इस्तेमाल करते/करती हैं.

जगह की यह जानकारी, आपके आईपी पते जैसे रीयल-टाइम सिग्नल या आपके डिवाइस से मिल सकती है. साथ ही, Google की साइटों और सेवाओं पर सेव की गई आपकी गतिविधि से भी. Google को आपकी जगह की जानकारी जिन मुख्य तरीकों से मिल सकती है उनके बारे में यहां बताया गया है.

आपके आईपी पते से

आईपी पता को इंटरनेट प्रोटोकॉल पता भी कहा जाता है. यह आपके कंप्यूटर या डिवाइस को इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनी की ओर से असाइन किया जाता है. जिन वेबसाइटों और सेवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है उन्हें आपके डिवाइसों से कनेक्ट करने के लिए, आईपी पतों का इस्तेमाल किया जाता है.

दूसरी कई इंटरनेट सेवाओं की तरह, Google उस सामान्य इलाके की जानकारी का इस्तेमाल कर सकता है जहां आप मौजूद हैं. आपको कुछ बुनियादी सेवाएं और काम के नतीजे देने के लिए, ऐसा किया जा सकता है. जैसे, समय की जानकारी पाने के लिए की गई खोज का जवाब देने के लिए या फिर आपके खाते में कोई असामान्य गतिविधि (जैसे, किसी नए शहर से आपके खाते में साइन इन किया जाना) होने पर, खाते को सुरक्षित रखने के लिए.

ध्यान रखें: इंटरनेट से ट्रैफ़िक भेजने और पाने के लिए, डिवाइसों के पास आईपी पता होना चाहिए. आईपी पते, मोटे तौर पर शहर/इलाके की जानकारी पर आधारित होते हैं. इसका मतलब है कि आप जिन ऐप्लिकेशन, सेवाओं या वेबसाइटों को इस्तेमाल करते/करती हैं वे सभी आपके आईपी पते की मदद से, आपके सामान्य इलाके की कुछ जानकारी का अनुमान लगा सकती हैं और उसका इस्तेमाल कर सकती हैं. इसमें google.com भी शामिल है.

आपकी सेव की गई गतिविधि से

अगर आपने Google खाते में साइन इन किया है और 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग चालू है, तो Google की साइटों, ऐप्लिकेशन, और सेवाओं पर की गई आपकी गतिविधि का डेटा, आपके खाते की 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग में सेव हो सकता है. कुछ गतिविधि में, उस सामान्य इलाके की जानकारी शामिल हो सकती है जहां आपने Google की सेवा का इस्तेमाल किया था. अगर किसी सामान्य इलाके का इस्तेमाल करके कोई खोज की जाती है, तो वह खोज कम से कम तीन वर्ग किलोमीटर की रेंज का इस्तेमाल करेगी या उसकी रेंज तब तक बढ़ती जाएगी, जब तक कि इलाके में कम से कम 1,000 लोगों की जगह की जानकारी का पता न चल जाए. इससे आपकी निजता की सुरक्षा करने में मदद मिलती है.

कुछ मामलों में, आपकी खोज से मिलती-जुलती जगह का अनुमान लगाने के लिए, उन इलाकों का इस्तेमाल किया जा सकता है जिन्हें आपने खोजा है. उदाहरण के लिए, अगर आप दिल्ली में हैं और आपने कॉफ़ी शॉप के बारे में खोजा है, तो Google आने वाले समय में की जाने वाली खोजों के लिए दिल्ली से जुड़े नतीजे दिखा सकता है.

अपनी 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग को देखने के लिए, मेरी गतिविधि पर जाएं.

अगर आपने Google खाते में साइन इन नहीं किया है, तो Google आपकी पिछली खोजों के आधार पर जगहों की कुछ जानकारी सेव कर सकता है. Google यह जानकारी, इस्तेमाल किए जा रहे आपके डिवाइस से लेता है. इस जानकारी की मदद से, Google आपको ज़्यादा काम के नतीजे और सुझाव देता है. अगर आपने Search की सेवाओं को पसंद के मुताबिक बनाने की सुविधा बंद कर दी है, तो Google आपकी जगह की जानकारी का अनुमान लगाने के लिए, पिछली खोज गतिविधि का इस्तेमाल नहीं करेगा. निजी मोड में खोजने और ब्राउज़ करने के तरीके के बारे में ज़्यादा जानें.

आपके घर या ऑफ़िस के सेव किए गए पते से

अपने Google खाते में उन जगहों को सेव किया जा सकता है जो आपके लिए ज़रूरी हैं. जैसे, आपका घर या ऑफ़िस. अगर आपने घर या ऑफ़िस का पता सेव किया है, तो चीज़ों को आसान बनाने के लिए उनका इस्तेमाल किया जा सकता है. जैसे, रास्ते की जानकारी पाना या आपके घर या ऑफ़िस के आस-पास के नतीजे खोजना. साथ ही, आपको ज़्यादा काम के विज्ञापन दिखाने के लिए भी ऐसा किया जा सकता है.

Google खाते में जाकर, कभी भी अपने घर या ऑफ़िस के पते में बदलाव किया जा सकता है या उसे मिटाया जा सकता है.

आपके डिवाइस से

Google के ऐप्लिकेशन आपके डिवाइस की जगह की जानकारी का इस्तेमाल कैसे करते हैं

डिवाइसों में ऐसी सेटिंग या अनुमतियां मौजूद होती हैं जिनकी मदद से, यह कंट्रोल किया जा सकता है कि ऐप्लिकेशन के लिए आपकी जगह की सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जाए या नहीं. इसमें, Search और Maps जैसे Google के ऐप्लिकेशन भी शामिल हैं. जगह की इस तरह की सटीक जानकारी से, Google Maps जैसे ऐप्लिकेशन को आपको रास्तों के लिए निर्देश देने या फिर आस-पास के उपयोगी खोज नतीजे देने में मदद मिलती हैं. उदाहरण के लिए, जगह की सटीक जानकारी की सेटिंग या अनुमतियां चालू होने पर, आपको स्थानीय जगहों और मौसम की जानकारी जैसी चीज़ो के लिए खोज करने पर, ज़्यादा काम के नतीजे मिलेंगे.

iOS और Android, दोनों में ऐप्लिकेशन के लिए जगह की जानकारी की अनुमतियों को चालू या बंद करने की सेटिंग होती हैं. जगह के हिसाब से सुविधाएं और सेवाएं देने के लिए, ऐप्लिकेशन को अपनी जगह की जानकारी का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जा सकती है. ध्यान रखें कि कभी-कभी ऐप्लिकेशन के लिए यह ज़रूरी हो जाता है कि वे आपकी जगह की सटीक जानकारी को कुछ समय के लिए सेव करें, ताकि वे तुरंत आपको मददगार नतीजे दे सकें. साथ ही, जगह की जानकारी को बार-बार अपडेट न करके बैटरी बचा सकें.

कुछ ऐप्लिकेशन को बैकग्राउंड में आपके डिवाइस की जगह की जानकारी का ऐक्सेस चाहिए. जैसे, Find My Device या अगर आपको जगह की जानकारी शेयर करने जैसी कुछ सुविधाएं इस्तेमाल करनी हैं.

आपके Android डिवाइस पर, जगह की जानकारी की सुविधा कैसे काम करती है, इस बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए यहां जाएं.

मेरे Google खाते में, वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि और जगह की जानकारी का इतिहास कैसे सेव किया जाता है?

आने वाले महीनों और साल 2024 में जगह की जानकारी के इतिहास की सेटिंग बदल जाएगी. जगह की जानकारी के इतिहास का इस्तेमाल करने वाले मौजूदा लोगों को यह सूचना दी जा रही है कि इस बदलाव से उनके खाते पर कब असर पड़ेगा. सूचना मिलने के बाद, उन्हें अपने खाते और ऐप्लिकेशन की सेटिंग में 'टाइमलाइन' नाम की सेटिंग दिखने लगेगी. मुमकिन है कि कुछ लोग टाइमलाइन की सुविधा का इस्तेमाल पहले से कर रहे हो. उनके लिए, जगह की जानकारी के इतिहास में, जगह की जानकारी के डेटा के बारे में इस पेज पर दी गई जानकारी, टाइमलाइन के उनके इस्तेमाल पर लागू होती है. ऐसा उन लोगों के लिए भी होता है जिन्होंने टाइमलाइन की सुविधा सीधे तौर पर चालू की थी. ज़्यादा जानें.

वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि और जगह की जानकारी का इतिहास

वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि और जगह की जानकारी का इतिहास, Google खाते की ऐसी सेटिंग हैं जिनमें जगह की जानकारी का इस्तेमाल किया जाता है. यहां दोनों के बारे में खास जानकारी दी गई है. ध्यान रखें कि दूसरी सुविधाएं या प्रॉडक्ट भी, जगह की जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं या सेव कर सकते हैं.

जगह की जानकारी का इतिहास

अगर जगह की जानकारी का इतिहास चालू किया जाता है, तो टाइमलाइन बनती है. टाइमलाइन एक तरह का निजी मैप है, जिसमें आपकी विज़िट की गई जगहों, रास्तों, और यात्राओं की जानकारी दिखती है.

'जगह की जानकारी का इतिहास' सुविधा डिफ़ॉल्ट रूप से बंद रहती है. अगर आपने 'जगह की जानकारी का इतिहास' सुविधा चालू की है, तो आपके डिवाइस की जगह की सटीक जानकारी नियमित तौर पर सेव की जाती है. ऐसा उन सभी मोबाइल डिवाइसों में होता है जिनमें जगह की जानकारी की रिपोर्टिंग की सेटिंग चालू हो. डिवाइस की जगह की इस जानकारी का इस्तेमाल करके, आपकी टाइमलाइन बनाई जाती है. Google के ऐप्लिकेशन इस्तेमाल न करने के दौरान भी यह काम किया जाता है.

Google पर सभी को बेहतर अनुभव देने के लिए, जगह की जानकारी के इतिहास का इस्तेमाल इन कामों के लिए किया जा सकता है

  • आपकी जगह की जानकारी के डेटा के आधार पर, लोगों को किसी जगह के लिए सबसे ज़्यादा व्यस्त समय और पर्यावरण पर होने वाले असर के आंकड़े जैसी जानकारी दिखाने के लिए. हालांकि, लोगों को यह जानकारी आपकी पहचान ज़ाहिर किए बिना दिखाई जाती है
  • धोखाधड़ी और गलत इस्तेमाल का पता लगाने और रोकने के लिए
  • Google की सेवाओं को डेवलप करना और उन्हें बेहतर बनाना, इनमें विज्ञापनों से जुड़े प्रॉडक्ट भी शामिल हैं

जगह की जानकारी का इतिहास, कारोबारों को यह अनुमान लगाने में मदद करता है कि विज्ञापन देखकर लोगों के उनके स्टोर पर जाने की कितनी संभावना है.

आपके पास अपनी टाइमलाइन में सेव की गई जानकारी को किसी भी समय देखने, बदलने, और मिटाने का विकल्प मौजूद है. अपने गतिविधि कंट्रोल पर जाकर, यह पता लगाएं कि आपने जगह की जानकारी का इतिहास चालू किया है या नहीं. वहां आपके पास जगह की जानकारी के इतिहास की सेटिंग को कंट्रोल करने का विकल्प होगा. साथ ही, यह भी कंट्रोल किया जा सकता है कि कौनसे डिवाइस अपनी जगह की जानकारी दे रहे हैं.

जगह की जानकारी के इतिहास की सेटिंग के आधार पर, आपकी जगह की सटीक जानकारी कम या ज़्यादा बार इकट्ठा की जा सकती है. उदाहरण के लिए, Google Maps में नेविगेशन का इस्तेमाल करने पर, यह जानकारी हर मिनट में कई बार इकट्ठा की जा सकती है. हालांकि, सक्रिय रूप से अपने फ़ोन का इस्तेमाल न करने पर, यह जानकारी कुछ घंटों में एक बार इकट्ठा की जा सकती है.

यह आपकी सेटिंग पर निर्भर करता है कि जगह की जानकारी के इतिहास का डेटा कितने समय तक सेव किया जाएगा. आपके पास यह भी चुनने का विकल्प है कि डेटा को कितने समय बाद अपने-आप मिटाया जाए, जैसे कि 3, 18 या 36 महीने. इसके अलावा, डेटा को मैन्युअल रूप से मिटाए जाने तक उसे सेव रखा जा सकता है.

ध्यान रखें

अगर आपने जगह की जानकारी के इतिहास की सेटिंग को बंद कर दिया

  • Google आपकी सेव की गई जगह की जानकारी के इतिहास का पुराना डेटा तब तक सेव रखता है, जब तक कि इसे मिटाया नहीं जाता. हालांकि, ऑटोमैटिकली मिटने की सेटिंग के तहत आपने जो समय चुना है उसके बाद इसे मिटा दिया जाएगा.
  • जगह की जानकारी के इतिहास की सुविधा बंद करने से, 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग या Google के दूसरे प्रॉडक्ट में आपकी जगह की जानकारी सेव करने या इस्तेमाल करने के तरीके पर कोई असर नहीं पड़ता. जैसे, आपके आईपी पते के आधार पर. अब भी ऐसी अन्य सेटिंग हो सकती हैं जो जगह की जानकारी को सेव करती हों.

अपने गतिविधि कंट्रोल पर जाकर, यह पता लगाएं कि आपने जगह की जानकारी का इतिहास चालू किया है या नहीं. ज़्यादा जानें.

वेब और ऐप गतिविधि

वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि से जुड़े डेटा का इस्तेमाल, Maps, Search, और Google की अन्य सेवाओं पर आपकी पसंद से ज़्यादा मेल खाने वाला अनुभव देने के लिए किया जाता है. आपकी विज्ञापन सेटिंग के आधार पर इसका इस्तेमाल, आपको ज़्यादा काम के विज्ञापन दिखाने के लिए भी किया जा सकता है. 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग आपके उन सभी डिवाइसों पर काम करेगी जिन पर आपने साइन इन किया है.

'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग चालू होने पर, Google आपके खाते की वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि में, Google की सभी सेवाओं पर की गई आपकी गतिविधियों का डेटा सेव करेगा. इसमें आपसे जुड़ी जानकारी शामिल होती है. जैसे, आपने किस सामान्य इलाके में Google की सेवा इस्तेमाल की.

उदाहरण के लिए, अगर मौसम की जानकारी खोजने पर, आपको अपने डिवाइस से भेजी गई जगह की जानकारी के आधार पर नतीजे मिलते हैं, तो यह गतिविधि आपकी 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग में सेव की जाती है. साथ ही, इसमें उस सामान्य इलाके की जानकारी भी शामिल होती है जहां इस खोज के दौरान, आपका डिवाइस मौजूद था. आपके डिवाइस से भेजी गई जगह की सटीक जानकारी को सेव नहीं किया जाता. सिर्फ़ उस जगह के सामान्य इलाके की जानकारी सेव की जाती है. सेव की गई जगह की जानकारी के इस्तेमाल करके Google को, आने वाले समय में की जाने वाली खोज के लिए, जगह की ज़्यादा सटीक जानकारी का पता लगाने में मदद मिल सकती है. यह जानकारी आपके डिवाइस या आईपी पते से ली जा सकती है. सेव की गई जगह की यह जानकारी, 30 दिनों के बाद आपकी 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' से अपने-आप मिट जाती है.

वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि से जुड़े डेटा की मदद से, Google उन सामान्य इलाकों को समझ पाता है जो आपके काम के हैं. साथ ही, कुछ खोजने पर Google आपको उन इलाकों के नतीजे दिखाता है.

अपने गतिविधि कंट्रोल पर जाकर, 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' में सेव की गई जगह की जानकारी और अन्य जानकारी को देखा और मिटाया जा सकता है. आपके पास इस सेटिंग को बंद करने का विकल्प भी होता है. 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' बंद करने पर, आने वाले समय में की जाने वाली गतिविधि का डेटा सेव होना बंद हो जाएगा.

ध्यान रखें

'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग बंद करने पर

  • आपकी गतिविधि अब भी सेव हो सकती है. इसका इस्तेमाल तब तक किया जा सकता है, जब तक उसे मिटाया नहीं जाता. इसे कभी भी मिटाया जा सकता है. सेव की गई जगह की जानकारी, 30 दिनों के बाद अपने-आप मिट जाती है.
  • 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग को बंद करने से, इस बात पर असर नहीं पड़ता कि अन्य सेटिंग आपकी जगह की जानकारी कैसे सेव या इस्तेमाल करेंगी. जैसे, जगह की जानकारी का इतिहास. इसके अलावा, अन्य सेटिंग में भी जगह की अन्य जानकारी सेव हो सकती है. इसमें आईपी पता भी शामिल है.

आपने 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग चालू की है या नहीं, यह जानने के लिए गतिविधि कंट्रोल पर जाएं. ज़्यादा जानें

Google, किसी जगह की छिपाई या बदली गई पहचान वाली जानकारी कैसे इस्तेमाल करता है?

Google, लोगों की निजता को बेहतर बनाने के लिए, जगह की ऐसी जानकारी का इस्तेमाल करता है जिसकी पहचान बदली या छिपाई गई हो. आम तौर पर, छिपाई गई पहचान वाली जानकारी से किसी भी व्यक्ति की पहचान ज़ाहिर नहीं होती. हालांकि, जिस जानकारी में पहचान बदली जाती है उसके साथ हो सकता है कि कोई यूनीक आइडेंटिफ़ायर जुड़ा हो. यह आइडेंटिफ़ायर नंबरों की स्ट्रिंग जैसा होता है. इससे किसी के व्यक्तिगत पहचान से जुड़ी जानकारी ज़ाहिर नहीं होती है. जैसे, किसी व्यक्ति के खाते, नाम या ईमेल पते जैसी जानकारी. Google, अपने प्रॉडक्ट और सेवाओं में विज्ञापन दिखाने या रुझानों के बारे में बताने जैसे कामों के लिए, जगह की ऐसी जानकारी का इस्तेमाल करता है जिसकी पहचान छिपाई या बदली गई हो.

लोग, जगह की जानकारी से जुड़े असली पहचान बताने वाले आइडेंटिफ़ायर की जगह इस्तेमाल होने वाले आइडेंटिफ़ायर को रीसेट कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, लोग अपने Android डिवाइसों पर विज्ञापन आईडी रीसेट करके, असली पहचान बताने वाले आइडेंटिफ़ायर की जगह इस्तेमाल होने वाले आइडेंटिफ़ायर रीसेट कर सकते हैं. इसके अलावा, लोगों की निजता को बेहतर बनाने के लिए Google, असली पहचान बताने वाले आइडेंटिफ़ायर की जगह इस्तेमाल होने वाले कुछ आइडेंटिफ़ायर को अपने-आप रीसेट कर देता है. इसमें, जीएलए भी शामिल है. यह ऐसी डिवाइस सेटिंग है जिसे लोग अपने डिवाइसों पर जगह के हिसाब से सेवा को बेहतर और सटीक बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.

इसके अलावा Google, जगह की ऐसी जानकारी इस्तेमाल कर सकता है जिसकी पहचान छिपाई गई हो. उदाहरण के लिए, लोग Google Maps पर किसी इलाके में मौजूद, रेस्टोरेंट या पार्क जैसी जगहों पर टैप करके, उनके रुझान देख सकते हैं. 'किसी जगह का सबसे ज़्यादा व्यस्त समय' जैसे रुझानों को तैयार करने के लिए इस्तेमाल की गई जगह की जानकारी से किसी व्यक्ति की पहचान नहीं की जा सकती. यह मुमकिन है कि Google के पास सटीक तरीके से यह बताने के लिए ज़रूरी जानकारी न हो कि कोई जगह किस समय सबसे ज़्यादा व्यस्त रहती है. साथ ही, Google के लिए उस जगह की पहचान छिपाना भी मुमकिन न हो. ऐसे में, उस जगह के सबसे ज़्यादा व्यस्त समय की जानकारी Google पर नहीं दिखती.

Google, उन लोगों को भी अपने ब्राउज़र या डिवाइस से जुड़ी जानकारी को मैनेज करने का विकल्प देता है जिन्होंने अपने खाते से साइन आउट कर लिया है. इसमें, Search की सेटिंग को पसंद के मुताबिक बनाना, YouTube की सेटिंग, और विज्ञापन की सेटिंग शामिल हैं. ज़्यादा जानें

इस बारे में ज़्यादा जानें कि Google, जगह की जानकारी का इस्तेमाल Google निजता नीति में कैसे करता है. इस बारे में ज़्यादा जानें कि Google, इकट्ठा किए गए डेटा का रखरखाव कैसे करता है और Google, डेटा को कैसे छिपाता है.

Google, जगह की जानकारी को कितने समय तक सेव करके रखता है?

Google निजता नीति में, उपयोगकर्ता के डेटा के रखरखाव के तरीकों के बारे में बताया गया है. इसमें, जगह की वह जानकारी भी शामिल है जिसे Google इकट्ठा करता है. जगह की जानकारी क्या है, इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है, और लोग अपने डिवाइस की सेटिंग कैसे कॉन्फ़िगर करते हैं, इस आधार पर जगह की जानकारी अलग-अलग समय के लिए इकट्ठा की जाती है.

आपके Google खाते में, जगहों की कुछ जानकारी तब तक सेव करके रखी जाती है, जब तक आप उसे नहीं मिटाते/मिटातीं

  • डेटा का रखरखाव करने और मिटाने की प्रक्रिया को कंट्रोल करना: जगह की जानकारी के इतिहास और 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग, दोनों में डेटा अपने-आप मिटने के विकल्प मौजूद हैं. इनकी मदद से 3, 18 या 36 महीने का डेटा सेव होने के बाद, इसके लिए अपने-आप मिटने का विकल्प चुना जा सकता है. टाइमलाइन और 'मेरी गतिविधि' पर जाकर भी यह डेटा देखा जा सकता है. साथ ही, अपनी प्राथमिकता के हिसाब से, किसी खास गतिविधि या कई सारे डेटा को एक साथ मिटाया जा सकता है. इन सेटिंग में कभी भी बदलाव किया जा सकता है या अपने-आप मिटने का विकल्प बदला जा सकता है.
  • जगह की जानकारी सेव करना: Google के किसी प्रॉडक्ट या सेवा के आधार पर, आपके Google खाते में जगह की जानकारी सेव की जा सकती है. उदाहरण के लिए, आपके पास Photos में, जगहों को टैग करने या Maps में, घर या ऑफ़िस का पता जोड़ने की सुविधा होती है. आपके पास, जगह की इस जानकारी को मिटाने का विकल्प भी होता है.

डेटा मिटाए जाने पर Google, उस डेटा को आपके खाते से सुरक्षित तरीके और पूरी तरह से हटाने के लिए नीति का पालन करता है, ताकि डेटा वापस न पाया जा सके. सबसे पहले, मिटाई गई गतिविधि को व्यू से हटा दिया जाता है. साथ ही, Google पर उसका इस्तेमाल, आपके अनुभव को आपके हिसाब से बनाने के लिए नहीं किया जाएगा. इसके बाद Google, डेटा को अपने स्टोरेज सिस्टम से मिटाने की प्रोसेस शुरू करता है. इस प्रोसेस को, डेटा को सुरक्षित तरीके और पूरी तरह से मिटाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस बारे में ज़्यादा जानें कि Google, इकट्ठा किए गए डेटा का रखरखाव कैसे करता है.

वह जानकारी जो एक खास समयावधि के बाद एक्सपायर हो जाती है

Google जो डेटा इकट्ठा करता है उसका इस्तेमाल वह कैसे करता है लेख में बताया गया है कि कभी-कभी जगहों की अन्य जानकारी को मैन्युअल तरीके से मिटाने की सुविधा उपलब्ध नहीं होती. Google ऐसी जानकारी के मिटने से पहले उसे एक तय समय तक सेव करके रखता है. डेटा को सुरक्षित ढंग से और पूरी तरह से मिटाने में लगने वाला समय, इस बात पर निर्भर करता है कि डेटा किस तरह का है. उदाहरण के लिए:

  • Google, सर्वर लॉग में मौजूद, विज्ञापन के डेटा की पहचान छिपाता है. इसके लिए, वह आईपी पते के कुछ हिस्से को 9 महीने के बाद और कुकी की जानकारी को 18 महीने के बाद हटा देता है.
  • Google, 30 दिनों के बाद 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग से, डिवाइस और आईपी के हिसाब से इकट्ठा की गई जगह की जानकारी को मिटा देता है.

कुछ सीमित कामों के लिए लंबी समय अवधियों तक रखी जाने वाली जानकारी

Google निजता नीति के मुताबिक, “कारोबारी या कानूनी वजहों से ज़रूरी होने पर, हम कुछ डेटा को लंबे समय तक सेव करके रखते हैं. जैसे, सुरक्षा के लिए, धोखाधड़ी और डेटा के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए या वित्तीय रिकॉर्ड रखने के लिए.” डेटा के रखरखाव के हमारे तरीकों के बारे में ज़्यादा जानें

विज्ञापनों को दिखाने के लिए, जगह की जानकारी का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?

आपको ज़्यादा काम के विज्ञापन दिखाने के लिए

आपको विज्ञापन दिखाने के लिए, आपकी जगह की जानकारी का इस्तेमाल किया जा सकता है. आम तौर पर, Google पर विज्ञापन और प्रॉडक्ट दिखाने के लिए, जगह की एक तरह की जानकारी का इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण के लिए, Search और Google के अन्य प्लैटफ़ॉर्म पर आपको दिखने वाले विज्ञापन कई तरह की जानकारी पर आधारित हो सकते हैं. इसमें आपके डिवाइस की जगह की जानकारी, आपके आईपी पते, आपकी पिछली गतिविधि या आपके Google खाते में सेव किए गए, घर और ऑफ़िस के पतों की जानकारी शामिल है. हालांकि, आपको विज्ञापन दिखाने के लिए इनमें से किस जानकारी का इस्तेमाल किया जाएगा, यह आपकी सेटिंग पर निर्भर करता है. इसके अलावा, आपके देश या आपकी दिलचस्पी वाले सामान्य इलाके का अनुमान लगाने के लिए, मेटाडेटा इस्तेमाल किया जा सकता है. मेटाडेटा में, आपके ब्राउज़र का टाइमज़ोन, डोमेन, पेज का कॉन्टेंट, ब्राउज़र टाइप, पेज की भाषा वगैरह की जानकारी शामिल होती है. हम आपके आईपी पते, वीपीएन, प्रॉक्सी सेवा या नेटवर्क की दूसरी जानकारी से मिलने वाले, जगह की जानकारी के सिग्नल के अलावा इस मेटाडेटा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

जगह की जानकारी का इस्तेमाल करने से, आपको उस इलाके के हिसाब से काम के विज्ञापन देखने की सहूलियत मिलती है जहां आप हैं या जो इलाके आपके काम के हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपके डिवाइस की जगह की जानकारी की सेटिंग चालू है और आपने Google पर अपने आस-पास के रेस्टोरेंट खोजे हैं, तो आपके मौजूदा डिवाइस की जगह का इस्तेमाल, आस-पास के रेस्टोरेंट के विज्ञापन दिखाने के लिए किया जा सकता है. Google पर विज्ञापन दिखाए जाने पर, आपकी जगह की जानकारी का इस्तेमाल आस-पास के कारोबारों की दूरी दिखाने के लिए भी किया जा सकता है.

Google, आपको ज़्यादा काम के विज्ञापन दिखाने के लिए, आपकी 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' में सेव किए गए सामान्य इलाकों और आपकी पिछली ब्राउज़िंग या किसी ऐप्लिकेशन में की गई गतिविधि की जानकारी का भी इस्तेमाल कर सकता है. उदाहरण के तौर पर, ऐप्लिकेशन में की गई गतिविधियों में ये चीज़ें शामिल हैं: आपने किन चीज़ों के लिए खोज की है, आपने कौनसी वेबसाइट देखी है या YouTube पर आपने कौनसे वीडियो देखे हैं. उदाहरण के लिए, Google पर, आस-पास दूध खरीदने की जगहों के बारे में खोजने पर, आपको उसी सामान्य इलाके की किराने की दुकानों के विज्ञापन दिखेंगे जिस इलाके में बस या ट्रेन का इंतज़ार करते हुए, आपने Google Search को अक्सर ब्राउज़ किया है.

विज्ञापन देने वाले, सिर्फ़ सामान्य इलाकों, जैसे कि देश, शहर या अपने कारोबार के आस-पास के इलाकों में विज्ञापनों को टारगेट कर सकते हैं.

हमारे Display Network के बारे में ज़्यादा जानकारी पाने के लिए, सहायता केंद्र पर जाएं.

परफ़ॉर्मेंस का आकलन करने में विज्ञापन देने वालों की मदद करने के लिए

Google, आपकी जगह की जानकारी का इस्तेमाल आंकड़े तैयार करने और आकलन के लिए करता है. इससे यह समझने में मदद मिलती है कि Google की सेवाएं किस तरह इस्तेमाल की जा रही हैं. ​उदाहरण के लिए, अगर आपने जगह की जानकारी का इतिहास चालू करने का विकल्प चुना है, तो Google इस डेटा का इस्तेमाल विज्ञापन देने वालों की यह अनुमान लगाने में मदद करने के लिए करता है कि क्या ऑनलाइन विज्ञापनों की वजह से लोग उनके स्टोर पर आएंगे. विज्ञापन देने वालों के साथ आपकी अनुमानित जानकारी ही शेयर की जाती है, आपकी पहचान या निजी जानकारी शेयर नहीं की जाती. ऐसा करने के लिए, Google आपकी ऑनलाइन गतिविधि का डेटा, जैसे कि विज्ञापन पर क्लिक को, विज्ञापन देने वालों के स्टोर से जुड़ी जगह की जानकारी के इतिहास के डेटा के साथ जोड़ता है. विज्ञापन देने वालों के साथ जगह की जानकारी का इतिहास शेयर नहीं किया जाता.

Google के प्रॉडक्ट और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए

Google अपने विज्ञापन प्रॉडक्ट को बेहतर बनाने के लिए भी जगह की जानकारी का इस्तेमाल करता है. उदाहरण के लिए, आपके खाते में सेव ऐसे विज्ञापनों का डेटा जिनसे इंटरैक्ट किया गया और काम की गतिविधि के लिए सामान्य इलाके के डेटा को इकट्ठा किया जा सकता है. इस डेटा का इस्तेमाल, स्मार्ट बिडिंग टूल को बेहतर बनाने वाले मशीन लर्निंग मॉडल में किया जा सकता है. विज्ञापन देने वालों के साथ आपके खाते का डेटा शेयर नहीं किया जाता.

मैं यह कैसे कंट्रोल करूं कि विज्ञापन दिखाने के लिए, मेरी जगह की जानकारी का इस्तेमाल कैसे किया जाए?

आपके पास यह कंट्रोल करने की सुविधा होती है कि अब से पहले, जिन सामान्य इलाकों में आपने Google की साइटों और ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल किया है उन इलाकों का इस्तेमाल, आपको विज्ञापन दिखाने के लिए किस तरह किया जाए. इसके लिए, आपको मेरा विज्ञापन केंद्र में, ऐसे इलाके जहां आपने Google का इस्तेमाल किया है सेटिंग की मदद लेनी होगी.

'ऐसे इलाके जहां आपने Google का इस्तेमाल किया है' सेटिंग के चालू होने पर

दिलचस्पी के मुताबिक विज्ञापन और ऐसे इलाके जहां आपने Google का इस्तेमाल किया है सेटिंग चालू होने पर, Google आपकी 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' सेटिंग में सेव किए गए डेटा का इस्तेमाल करेगा. इसमें उन सामान्य जगहों का डेटा होगा जहां आपने विज्ञापनों को अपने हिसाब से बनाने के लिए, Google की साइटें और ऐप्लिकेशन इस्तेमाल किए हैं.

'ऐसे इलाके जहां आपने Google का इस्तेमाल किया है' सेटिंग के बंद होने पर

दिलचस्पी के मुताबिक विज्ञापन या ऐसे इलाके जहां आपने Google का इस्तेमाल किया है सेटिंग के बंद होने पर, Google आपकी 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' में सेव किए गए डेटा का इस्तेमाल नहीं करेगा. इसमें उन सामान्य इलाकों का डेटा होगा जहां आपने विज्ञापनों को अपने हिसाब से बनाने के लिए, Google की साइटें और ऐप्लिकेशन इस्तेमाल किए हैं. ऐसे इलाके जहां आपने Google का इस्तेमाल किया है सेटिंग बंद होने पर भी, आपको अपनी मौजूदा जगह के साथ-साथ, Google खाते में घर और ऑफ़िस के तौर पर सेट की गई जगहों के आधार पर विज्ञापन दिख सकते हैं.

इसके अलावा, Google खाते से साइन आउट करने के बाद भी, Google आपके आईपी पते या डिवाइस से आपकी मौजूदा जगह की जानकारी लेकर, उसे इस्तेमाल कर सकता है. वह आपको विज्ञापन दिखाने के लिए ऐसा कर सकता है. हालांकि, आपके डिवाइस और ऐप्लिकेशन की सेटिंग के आधार पर ही ऐसा किया जाएगा.

अपने Google खाते में साइन इन न होने पर भी दिलचस्पी के मुताबिक विज्ञापन देखने की सेटिंग को चालू और बंद किया जा सकता है. इस बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए यहां जाएं.

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